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गुरुवार, 19 मई 2011

कर्नाटक के वर्तमान मुख्यमंत्री व राज्यपाल को समर्पित एक मुक्तक:

राजनीति के घरानों में रंजिशों की जगह कहाँ
सियासत के दरवारों में दोस्ती  की वजह कहाँ
यारी व दुश्मनी तो इंसानों की फितरत में होता 
गिरगिट की फितरत वालों को ये सब मालूम कहाँ//
----------विवेक


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