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शुक्रवार, 29 अप्रैल 2011

२G घोटाले व Commonwealth घोटाले पर बनी जाँच संसदीय समतियों पर

चोरों ने चोरों को खोजन खातिर समिति दी बनाय
ना जाने बैठक में चर्चा भयी या छमिया नाचे जाय
अगले दिन अख़बारों ने छापा मिर्च मसाला तड़का डाल
चोर अभी भी खुल्ला घूमें, हम सबको  अबहू लूटे जाय//

-------'विवेक'
                                   
                                                                                                                                    

गुरुवार, 28 अप्रैल 2011

जनलोकपाल समिति के सदस्यों पर सत्तापक्ष के नेताओं द्वारा बार-बार आरोप लगाये जाने पर समर्पित एक मुक्तक

ये खेल रहे हैं  चौंसर  सजा के महफिल मयखाने पे
घूर रहे हैं ये अब भारत की सेवा  की चाहत वालों पे  
यदि अब भी हम घृतराष्ट्र सरीखे अंधे होकर बैठेंगे  
तो अबकी कृष्ण हसेंगे भारत की बर्बादी के मंजर पे//

-------'विवेक'

बुधवार, 27 अप्रैल 2011

उच्च न्यायालय के भ्रष्ट न्यायाधीश Justic P D Dinakaran व अन्य भ्रष्ट न्यायाधीशों को समर्पित:

जिनको न्याय सुनाना है वो खुद दागी पाये जाते हैं
इस कलयुग में हंसों पर भी काले धब्बे पाये जाते हैं/
अब करें भरोसा कैसे इन न्याय के रखवारों  पर
अब शोषित जाएँ किसकी  ड्योडी और दरवारों पर/

-------'विवेक'


मंगलवार, 19 अप्रैल 2011

PSLV-C16 के Launch पर:

PSLV-C16 के Launch की पूर्वसंध्या  पर:


दुखद निकट अतीत है, शंकाएँ भी प्रबल हैं
प्रश्न तो  आसान हैं, उत्तर कुछ  मुस्किल हैं/ 
भविष्य प्रतीक्षारत है इतिहासों को दोहराने को
झील किनारे यान खड़ा है परचम को लहराने को//
                                                                 
PSLV-C16 अभियान की  सफलता के पश्चात:


२०अप्रैल२०११, आशंकाएँ तो सबल थीं पर उम्मीदें भी प्रबल थीं
समुद्री तट था, झील का सुन्दर किनारा था, प्रकृति भी हर्षित थीं//
रिसोर्सेसेट २, यूथसेट, एक्ससेट भी उफनते थे गगन में लहराने को
फिर पीएसलवी सी१६  ने पूर्ण किया हम सबके असंख्य अरमानों को// 

-------'विवेक'
                                                                                   

गुरुवार, 7 अप्रैल 2011

अन्ना हजारे जी--

अन्ना हजारे जी के भ्रस्टाचार के विरुद्ध अनसन पर  2 मुक्तकें

अन्ना जी ने दिया विराम असमंजस के मंजर का
हम सबको मार्ग मिला है गाँधी जी के अनसन का
भ्रस्टाचार मिटाने खातिर भारत की इस धरती से
आओ हम सब भी साथ धरें अन्ना जी के कदमों का //


ऊँजियारा हर दम अँधियारे पर छाया है 
सज्जनता की हर युग में अमृत काया है
इतिहास दोहरा रहा अब खुद को फिर से 
भ्रस्टाचार मिटाने अन्ना फिर से आया है//

दिग्विजय सिंह द्वारा अन्ना हजारे पर आरोप लगाये जाने पर:-
जिनको जेलों  में होना था वो संसद में घुस कर तन कर बैठे हैं
जिनको फाँसी मिलनी थी वो सत्पुरुषों पर दाग लगाते रहते  हैं//
देर भले ही कितनी हो जाये पर अंधेर नहीं हो पायेगी
भारत की जनता अब सच्चे लोगों के कदमों पे ही जायेगी//

-------'विवेक'
                                                                                                                                                        

शनिवार, 2 अप्रैल 2011

विश्व कप क्रिकेट २०११ पर

फाइनल से पूर्व की एक मुक्तक :


एक ओर आस है तो दूजी प्यास
दशकों के सूखे का कर दो विनास

महासंग्राम की बज चुकी है नाद
कर लो विश्व कप अपने पास//



फाइनल में   विजय के पश्चात  की २ मुक्तकें :

अर्सों बाद विजय की सुहानी सुगंध आयी है
दिल में खुशियों की उफनती तरंग आयी है
है बहुत बहुत अभिनन्दन धोनी की सेना का
हे राष्ट्र  तुझको अब कप के अर्पण की बारी आयी है//


सतयुग में लंका से माता सीता लाये थे हम
कलयुग में लंका से कप जीत के लाये हैं हम
रहा इतिहास साक्षी सदा विजयगाथा  का हमारी
आओ खुशियों की लहरों में गोते लगायें हम //

-------'विवेक'