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रविवार, 13 मई 2012

मदर्स डे पर:

पश्चिम से बाजारवाद की ऐसी काली आँधी आयी,
माँ के प्रति समर्पण को को मदर्स डे तक उड़ा लायी//
माँ के प्रति समर्पण के लिए तो उम्र क्या सौ जन्म हैं कम,
उसके आशीषों से ही जीवन में रहती हैं खुशियाँ हरदम//
जीवन की हर साँस, हर कतरे पर हैं जिसका कर्ज
उसकी अर्चना साधना ही है हर प्राणी का इक फर्ज़//
--------'विवेक' 

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