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बुधवार, 17 अगस्त 2011

PM का कहना है-संसद की सर्वोच्चता को चुनौती स्वीकार्य नहीं , तो हम सबका कहना है:-

चौंसठ वर्षों बाद अब इनको संसद की मर्यादा की  घड़ियाली याद आयी है,
इन सब चांडालों को अब मिलकर  लोकतंत्र की रक्षा की भी याद आयी है,
लोकतंत्र को लूटतंत्र बनाकर अत्याचार ढहा रखा भारत की भोली जनता पर,
जनता भोली तो है पर उसको भी अब अपने कर्तव्यों की याद आयी है//
-----विवेक

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