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शनिवार, 27 अगस्त 2011

मैं भी खुश हूँ की चलो सरकार ने अन्ना के १२ दिनों के अनसन के बाद उनकी बातें मान ली हैं, पर मन अभी भी चिंतित है-

अभी तो कुछ ही सीढ़ी  चढ़े हैं मंजिल है बड़ी दूर,
सत्ता के नसे में भारत के  नेता रहते हैं बड़े मगरूर ,
नेता अब चोटिल साँप की  तरह और भी जहरीले  हो जायंगे  
इसलिए सशक्त कानून की अभी भी आशा न करें भरपूर//
--------विवेक   

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